Pages

फासला

तुम्हें चाहिए था एक हमनवा लेकिन उसने हमसफ़र बनने की कोशिश की. तुम्हारे विचार मिलने से तो रेह ही गए पर तुम्हारे कदम भी डगमगाने लगे.
उसने तुम्हें एक बीती हुई कहानी सुनाना चाहा पर उसे ये पता नहीं था की उस कहानी के लेख़क तुम्ही तो थे. कहानी तो अधूरा रह ही गयी और उसके साथ तुमने अपना वजूद को कई हिस्सों मे बांट दिया.
तुम ढून्ढ रहे थे एक ऐसी दुनिया जो सिर्फ शब्दों पर चलता हो पर मिला एक ऐसा शेहर जहां लोगों को सिर्फ लेन-देन की बातें समझ आती है. तुम्हारी भाषा तो कोई समझ न पाया और ना ही तुम अपने लिए कुछ कमा सके.
तुम्हें सुनने थे सिर्फ वो गाने जिनके कोई बोल नहीं है लेकिन तुम्हारे कानों मे शोर के आलावा और कुछ गूंजा ही नही. मन तो तुम्हारा भरने से रेह गया, दिल भी तुम्हारा खाली होता गया.
अब तुम्हारी एक ही इच्छा बाकी है कि तुम किसी रोज़ धुंए की तरह निकल जाओ.
बस देखना ये है की तुम उस बेमेल हमसफ़र और इस घनी दुनिया से गायब हो जाओगे, या फिर खुद से?

     

The Cloudcutter

No comments: